लेखक अजीत कुमार
स्टेटलेस प्रोटोकॉल का अभिप्राय
हम जानते हैं कि एचटीटीपी एक स्टैटलेस प्रोटोकोल है। स्टेट से अभिप्राय डाटा से होता है। जब किसी पेज का डाटा सर्वर पर भेजा जाता है तो वह डाटा सर्वर पर जाने के बाद क्लाइंट साइड से नष्ट हो जाता है। साथ ही सर्वर भी उस डाटा को सेव करके नहीं रखता है। अर्थात डाटा या स्टेट सर्वर पर नहीं ठहरता है और क्षणभंगुर होता है।
जब डाटा को सर्वर को भेज दिया जाता है तो सर्वर उस डाटा को प्रोसेस कर डाटा को नष्ट कर देता है, उस डाटा को सेव करके नहीं रखता। इस स्थिति को तकनीकी भाषा में स्टैटलेस कहते हैं।
एचटीटीपी एक नेटवर्क प्रोटोकोल है। प्रोटोकॉल का अर्थ किसी कार्य को करने के लिए बनाए गए नियम कानूनों से है। नेटवर्क के अंतर्गत जब किसी डाटा को भेजा जाता है तो उसके लिए नेटवर्क साइंटिस्टो ने कुछ नियम कायदे कानून बनाए हैं, जिन्हें नेटवर्क प्रोटोकॉल कहते हैं। एचटीटीपी प्रोटोकोल के अनुसार जब डाटा को किसी सर्वर पर भेजा जाता है तो सर्वर से डाटा नष्ट हो जाता है।
जैसा कि एचटीटीपी एक स्टैटलेस प्रोटोकोल है। अतः जब डाटा क्लाइंट ब्राउज़र से सर्वर की ओर भेज दिया जाता है तो वह डाटा या पेज का स्टेट नष्ट हो जाता है। अगर हम किसी वेब पेज को या वेब एप्लीकेशन को डिवेलप कर रहे हैं तो एक पेज से दूसरे पेज पर डाटा भेजने के बावजूद पहले पेज पर पुराने डाटा को या स्टेट को बनाए रखना होता है। यह कार्य एचटीटीपी प्रोटोकोल के अंतर्गत करना संभव नहीं है।
इस सीमा या कमजोरी को दूर करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट की asp.net टेक्नोलॉजी के अंतर्गत कई तरह के युक्तियां बनाई गई है जैसे व्यूस्टेट, क्वेरी स्ट्रिंग, सेशन स्टेट कुकी इत्यादि। इनमें से कुछ क्लाइंट साइड युक्तियां है जबकि कुछ अन्य सर्वर साइड युक्तियां है। इन युक्तियों के द्वारा डेटा या स्टेट को इनमें स्टोर कर रखा जाता है। व्यू स्टेट के अंतर्गत डेटा एक पेज से दूसरे पेज पर जाने पर नष्ट हो जाता है जबकि सेशन के अंतर्गत रखे डेटा पूरे सत्र पर्यन्त जीवित रहते हैं।
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