कर्सर एक डेटाबेस ऑब्जेक्ट है जो डेटासेट से डेटा के एक रिकॉर्ड(row) को एकबार में पढ़ने या संपादित करने के लिए उपयोग किया जाता है, जहां डेटासेट डेटाबेस के एक या अधिक तालिकाओं(tables) पर आधारित हो सकता है। तालिकाओं को अलग अलग तरह के जॉइन से सम्बंधित किया जाता है। इसके परिणाम स्वरूप हमे परिणाम सेट(रिजल्ट सेट) प्राप्त होता है। कर्सर डेटा सेट की वांछित पंक्तियों(rows) को संपादित करने या पढ़ने के लिए SQL डेवलपर्स को प्रक्रियात्मक क्षमता(processing capability) प्रदान करता है। इस प्रकार कर्सर एक परिणाम सेट(result set) के रिकॉर्ड को परिवर्तित करने के लिए एक तकनीकी है।
संक्षेप में, कर्सर की अवधारणा किसी समय में डेटाबेस में सारणीबद्ध डेटा की एक पंक्ति(row) को पढ़ने या संपादित( read or edit) करने के बारे में है। एक बार में एक ही रिकॉर्ड को संसाधित किया जाता है।
जब रिकॉर्डस का चयन करने के लिए SELECT क्वेरी का उपयोग किया जाता है, तो हमें एक या अधिक रिकॉर्ड संसाधित(manipulate) करने के लिए प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है। कर्सर हमें दी गई पंक्ति(row) के लिए विभिन्न कॉलम के डेटा को पढ़ने या अपडेट करने की अनुमति देता है। कर्सर परिणाम सेट (result set) के रिकॉर्ड में ऊपर और नीचे जा सकता है और कर्सर की मदद से सक्रिय पंक्ति (active row) के डेटा को पढ़ा या बदला जा सकता है।
CURSOR के प्रकार— SQL सर्वर में तीन प्रकार के कर्सर हैं जो इस प्रकार हैं:
१) स्थैतिक कर्सर static cursor
२) गतिशील/गत्यात्मक कर्सर dynamic cursor
३) कीसेट कर्सर keyset cursor
लेखक अजीत कुमार
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