ट्रेसिंग एक तरह का क्रियाकलाप है जिसको डेवलपमेंट एनवायरमेंट में इनेबल अथवा डिसएबल (सक्रिय या निष्क्रिय) करके रखा जाता है। यदि ट्रेसिंग को इनेबल कर दिया जाता है तो वेब पेज को एक्सक्यूट करने पर उसके एक्सयूशन और अन्य सूचनाओं को ट्रेसिंग की मदद से इकट्ठा करके पेज में उत्पन्न त्रुटियों का निराकरण करना संभव और सरल हो जाता है।
वेब डेवलपमेंट की अवस्था में ट्रेसिंग का महत्व है। डेवलपमेन्ट फेज में ट्रेसिंग को इनेबल सक्रिय कर दिया जाता है ताकि त्रुटियों को सुधारा जा सके लेकिन जब एप्लीकेशन को प्रोडक्शन में स्थापित कर दिया जाता है तब ट्रेसिंग को डिसएबल निष्क्रिय करके रखा जाता है ताकि कोई भी यूजर जब वेब पेज को विजिट करें तो किसी प्रकार की त्रुटि की अवस्था में ट्रेसिंग की त्रुटि प्रकट न हो।
प्रोडक्शन फेज में किसी वेबपेज के त्रुटि को उसी पेज के नीचे इकट्ठा किया जा सकता है अथवा किसी टेक्स्ट फाइल में या किसी अन्य पेज पर त्रुटि की सारी सूचनाओं को एकत्र किया जा सकता है। इस बारे में वेब डेवलपर ही निर्णय करता है कि ड्रेसिंग की सूचना को किस प्रकार इकट्ठा किया जाए।
ट्रेसिंग दो स्तर लेवल पर यूज किया जा सकता है।
एक तो पेज स्तर ट्रेसिंग होता है जिसके अंतर्गत किसी पेज के भीतर होने वाली त्रुटि को पहचानने के लिए उसी पेज लेवल पर ट्रेसिंग को अप्लाई कर दिया जाता है इसके लिए वेब पेज के भीतर पेज directive डायरेक्टिव @Page में इसको trace अटरीब्यूट द्वारा निश्चित किया जाता है।
दूसरा एप्लीकेशन लेवल ट्रेसिंग होता है जिसके अंतर्गत सभी पेजों का समावेश कर उनकी त्रुटि का निर्धारण करने के लिए एप्लीकेशन स्तर पर ट्रेसिंग को अप्लाई कर दिया जाता है। इसके लिए वेब कॉन्फ़िग फाइल के भीतर इसको trace एलिमेंट द्वारा निश्चित किया जाता है।
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