विजुअल स्टूडियो एडिटर के भीतर सॉल्यूशन एक्सप्लोरर solution explorer नाम का एक विंडो होता है जो वेबसाइट के विभिन्न फाइल्स एंड फोल्डर को मैनेज करने का कार्य करता है। यह विंडो हमें अपनी वेबसाइट के भीतर प्रयोग किए जाने वाले अलग-अलग फोल्डर व फाइल्स को सोपानीकृत रूप में दर्शाता है। सॉल्यूशन एक्सप्लोरर एक या एक से अधिक प्रोजेक्ट के सारे फोल्डर और फाइल्स को दिखलाता है। जब हम विंडोज प्रोजेक्ट पर कार्य करते हैं तब सॉल्यूशन एक्सप्लोरर में विंडोज प्रोजेक्ट के सभी फाइल्स और फ़ोल्डर्स एवं रेफेरेंस फाइल्स दिखाई देते हैं।
कई बार ऐसा होता है कि एक प्रोजेक्ट के भीतर दूसरे प्रोजेक्ट के फाइल व फोल्डर की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए मान लीजिए किसी दूसरे प्रोजेक्ट में आपने कुछ इमेज फाइल का यूज़ किया है और आपको वर्तमान प्रोजेक्ट में उन इमेज फाइल की जरूरत है तो प्रोजेक्ट एक्सप्लोरर के द्वारा दूसरे प्रोजेक्ट के फाइल को इंपोर्ट कर सकते हैं। तो इस तरह के फोल्डर और फाइल्स भी प्रोजेक्ट एक्सप्लोरर में दिखलाई पड़ते हैं।
प्रोजेक्ट एक्सप्लोरर आपके प्रोजेक्ट के भीतर किए जाने वाले सभी फाइल और फोल्डर को सोपानीकृत रूप में दिखलाता है।
इस विंडो का उद्देश्य डॉट नेट प्रोजेक्ट्स के अलग-अलग फाइल फोल्डर्स को व्यवस्थित रूप से दिखाना होता है। सोल्यूशन एक्सप्लोरेर के भीतर हम एक या एक से अधिक फोल्डर बना सकते हैं।यह फोल्डर कंप्यूटर के भीतर किसी ड्राइव के भीतर बनते हैं परंतु डॉट नेट प्रोग्रामर को उस ड्राइव में जाकर फोल्डर बनाने की जरूरत नहीं है। एक ही जगह सॉल्यूशन एक्सप्लोरर में प्रोग्रामर अपने फाइल्स ओर फोल्डर्स को बना सकता है। उदाहरण के लिए किसी वेबसाइट के प्रोजेक्ट में सीएसएस फाइल और इमेजेस को रखने के लिए css और images फोल्डर को हम सोल्यूशन एक्सप्लोरर में बना सकते हैं ध्यान रखने वाली बात है कि यह फोल्डर्स अथवा फाइल्स कंप्यूटर के किसी ड्राइव में ही बनते हैं लेकिन सॉल्यूशन एक्सप्लोरर के द्वारा बिना उस ड्राइव में गए हम फाइल या फोल्डर को बना लेते हैं।
सलूशन एक्सप्लोरर में फाइल्स व फोल्डर को बनाने के अलावा और भी कई सारे कार्य किए जाते हैं जो इस प्रकार है। डॉट नेट के अंतर्गत किसी भी प्रोजेक्ट को बनाने के लिए हमें उस प्रोजेक्ट के नाम से एक फोल्डर बनाना होता है। जब हम किसी प्रोजेक्ट को बनाते हैं तो सॉल्यूशन एक्सप्लोरर के भीतर उस प्रोजेक्ट के नाम से एक फोल्डर बन जाता है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि प्रोजेक्ट वस्तुतः एक फोल्डर और फाइल होता है जिसके अंतर्गत प्रोजेक्ट में उपयोग होने वाले सारे संसाधनों अर्थात फाइल फोल्डर व्यवस्थित रूप में होता है। डॉट नेट के अंतर्गत जो भी प्रोग्राम फाइल्स होते हैं, फॉर्म डिज़ाइनर कोड फाइल इत्यादि होते हैं वे सभी फाइल्स व फोल्डर सोल्यूशन एक्सप्लोरर के अंतर्गत ही दिखाई देते हैं।
किसी भी डॉट नेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत हम अलग-अलग तरह के एसेंबली फाइल का उपयोग करते हैं। एसेंबली फाइल वास्तव में डीएलएल और ईएक्सई files होते हैं और जिस किसी डीएलएल फाइल की हमें जरूरत होती है उसको हम अपने प्रोजेक्ट में रिफरेंस कर उपयोग कर लेते हैं। अतः सोल्यूशन एक्सप्लोरर वह जगह है जहां पर किसी डीएलएल फाइल को रेफरेंस करने की सुविधा होती है।
सोल्यूशन एक्सप्लोरर में एक ही समय एक से अधिक प्रोजेक्ट फोल्डर दिखाई दे सकते हैं क्योंकि ऐसा संभव है कि एक प्रोजेक्ट में किसी दूसरे प्रोजेक्ट के संसाधन अर्थात रिसोर्सेज का उपयोग हो अगर किसी पार्टी कूलर खास प्रोजेक्ट फाइल का जरूरत नहीं है तो उस प्रोजेक्ट फोल्डर को हम डिसएबल कर सकते हैं अथवा उस प्रोजेक्ट फोल्डर को हम सलूशन एक्सप्लोरर से हटा भी सकते हैं। जब हम उस प्रोजेक्ट फोल्डर को सोल्यूशन एक्सप्लोरर से हटा देते हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह फोल्डर डिलीट हो गया। वास्तव में वह फोल्डर कंप्यूटर के किसी ड्राइव में ही भी पड़ा होता है और उसे जरूरत पड़ने पर फिर हम उसे सलूशन एक्सप्लोरर में इंपोर्ट कर सकते हैं।
सोल्यूशन एक्सप्लोरर वस्तुतः एक केंद्रीय स्थल है, जहां से हम पूरे प्रोजेक्ट के ऊपर नियंत्रण रखते हैं। मान लीजिए कि आप किसी वेब प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो उस प्रोजेक्ट में किसी नए आइटम को जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट पर राइट क्लिक कर नए आइटम को जोड़ सकते हैं। वेब प्रोजेक्ट के अंतर्गत नए आइटम के रूप में एचटीएमएल पेज, सीएसएस पेज, मास्टर पेज इत्यादि को जोड़ सकते हैं। किसी फोल्डर में नए आइटम को जोड़ने के लिए उस फोल्डर को एक्टिव कर CTRL + SHIFT + A शॉर्टकट का प्रयोग करते हैं
आमतौर पर, विजुअल स्टूडियो के अंतर्गत सॉल्यूशन एक्सप्लोरर हमें दाहिनी ओर ऊपर में दिखाई देता है और उसके नीचे में प्रॉपर्टीज विंडो दिखाई देता है। अगर आपको सॉल्यूशन एक्सप्लोरर विंडो नहीं दिखाई दे रहा हो तो व्यू मेनू के अंदर जाकर सॉल्यूशन एक्सप्लोरर को क्लिक करने पर सॉल्यूशन एक्सप्लोरर विंडो दिखाई देने लगता है।
विजुअल स्टूडियो के अंतर्गत बिल्ड build का क्या अर्थ है?
यह एक सामान्य प्रोग्रामिंग की बात है कि जब भी हम किसी सोर्स फाइल source file को कंपाइल compile करते हैं तो कंपाइल करने के बाद executable फाइल बनता है जिसे binary file भी बोलते हैं। अब मान लीजिए कि किसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कुछ वेबपेज है तो एप्लिकेशन को रन करने के लिए पहले हमें इस एप्लिकेशन के सभी वेबपेज और डॉटनेट कोड फाइल्स को कंपाइल करना होगा। जब इन सब फाइल्स को कंपाइल कर देते हैं तो इनके बायनरी binary अर्थात executable files बनते हैं। यदि इन सभी वेब पेजेस का कंपाइलेशन कमांड लाइन टूल्स cmd की मदद से किया जाए तो इन सभी को बारी बारी से पृथक रूप में कंपाइल करना होगा। स्पष्टतः यह सुविधाजनक नहीं होगा।
विजुअल स्टूडियो के अंतर्गत एक बहुत ही सुविधाजनक फीचर यह है कि सभी वेब पेज को एक साथ ही एक ही बार में कंपाइल किया जा सकता है और इस प्रक्रिया को ही build कहते हैं। अतः build से तात्पर्य डॉटनेट कोड फाइल्स और वेब पेजेस के कंपाइलेशन से है। जब हम वेबसाइट डेवेलप करते हैं तब विजुअल स्टूडियो के अंतर्गत उनफाइल्स को कंपाइल करने की प्रक्रिया को ही build कहा जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रोजेक्ट को तब तक या वेबसाइट को तब तक रन नहीं कर सकते हैं जब तक कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल किए गए सभी वेब फाइल्स को या अन्य रिसोर्स फाइल्स को कंपाइल ना कर लिया जाए। कमांड लाइन की मदद से कंपाइलिंग करना बहुत ही कष्टप्रद है। क्योंकि ऐसा संभव है कि हमें कंपाइल करने के लिए कई सारे कमांड में पैरामीटर्स देने पड़े। कमांड हेतु फाइल का सोर्स पथ देना ही होगा साथ ही अनेकानेक पैरामीटर्स को देना भी झंझट भरा काम है।
पुराने asp.net प्रोजेक्ट के अंतर्गत सोर्स फाइल्स को कंपाइल करके एसेंबली बनाए जाते थे और उसको बिन bin फोल्डर के अंदर डाल दिया जाता था। bin शब्द binary का ही संक्षिप्त रूप है। asp.net 2 version के बाद बिन फोल्डर नही क्रिएट किए जाते हैं। इसकी जगह सोर्स फाइल को डायनॉमिकली कंपाइल कर लिया जाता है। जिस फ़ाइल व रिसोर्स की रिक्वेस्ट होती है उसी से सम्बंधित कोड का कंपाइलेशन होता है न कि सारे कोड फाइल्स का। इस तरीके से डेवलपमेंट सम्बंधित कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
यह बात याद रखे कि विजुअल स्टूडियो के अंतर्गत फाइल्स को कंपाइल करने पर EXE या DLL फाइल बनता है और उसी को कॉपी करके bin फोल्डर के भीतर रख दिया जाता है। यह सारा काम स्वचालित होता है। asp.net 2 के वर्शन के बाद तो bin फोल्डर पर नहीं बनता इसकी जगह डायनॉमिकली सारे सोर्स फाइल को कंपाइल कर दिया जाता है और यह सारा काम build के द्वारा होता है
अगर आपने asp.net के किसी प्रोजेक्ट पर काम किया है तो आपको मालूम होगा कि वेब अप्लीकेशन के द्वारा एक या एक से अधिक अनेकानेक क्लास लाइब्रेरी या नेमस्पेस को संदर्भित किया जाता है। जब हम किसी लाइब्रेरी को संदर्भित करते हैं तो उसकी कॉपी बिन फोल्डर के भीतर स्वतः बन जाती है।
विजुअल स्टूडियो के अंतर्गत हमारे पास कई तरह के रिसोर्स ऑब्जेक्ट्स होते हैं यह रिसोर्स फाइल इमेज फाइल भी हो सकते हैं आमतौर पर विजुअल स्टूडियो में काम करते समय हम कोड फाइल को देखना चाहते हैं इसके लिए ऑप्शन को दबाया जाता है वर्ड फाइल का एक्सटेंशन डॉट एस पी एफ फाइल के रूप में होता है अगर आप डिजाइन फाइल को देखना चाहते हैं तो शिफ्ट को दबाए हुए F7 की को प्रेस करें तो आपको कोड बैंड फाइल दिखाई देगा इस तरीके से F7 अथवा शिफ्ट प्लस F7 दबाकर हम डिजाइन भी हो और कोड भी उन्हें स्विच कर सकते हैं अब सवाल है कि हमको ड्राइंग फाइल के भीतर कोडिंग कैसे कर सकते हैं ऐसा करने के लिए सबसे पहले आप अपनी एसपीएक्स फाइल को ओपन कीजिए और डिजाइन मोड को सिलेक्ट कीजिए इसके लिए आप एसपीएक्स फाइल को राइट क्लिक कीजिए और इसमें डिजाइनर फॉर्म चुन लीजिए कोड बैंड फाइल के अंतर्गत मेन रूप से पेज लोड इवेंट का कोड होता है।
लेखक अजीत कुमार ९ दिसम्बर २०१९
© अजीत कुमार, सर्वाधिकार सुरक्षित।
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