इस ट्यूटोरियल में GIT के three-stage आर्किटेक्चर के बारे में समझेंगे। GIT का three-stage आर्किटेक्चर एक सैद्धांतिक अवधारणा है जिसके आधार पर GIT में किसी सॉफ्टवेयर वर्जन को push, pull या commit करते हैं। GIT के 3 स्टेज आर्किटेक्चर के अंतर्गत 3 स्टेप्स होते हैं।
१) पहला वर्किंग डायरेक्टरी
२) दूसरा स्टेजिंग एरिया
३) तीसरा रिपोजिटरी
वर्किंग डायरेक्टरी एक फोल्डर है जिसके भीतर किसी सॉफ्टवेयर को डेवेलप करने से जुड़े सारे फाइल्स रखे जाते हैं। मान लीजिए की एक वेबसाइट को डेवलप करना है और उससे जुड़े कुछ फाइल्स जैसे a, b, c है। वर्किंग डाइरेक्टरी के स्तर पर GIT BASH को रन करते हैं।
डेवलपर अब इनको commit कर देता है। commit करने का प्रोजेक्ट का एक स्नैपशॉट GIT के पास स्टोर हो जाता है।
अब मान लीजिए कि कुछ और फाइल्स d, e, f पर डेवलपमेंट टीम काम कर रहा है और फाइल f में किसी प्रकार की त्रुटि है जिसके कारण उसको प्रोजेक्ट में लाइव नहीं किया जा सकता है।
परंतु अगर इस स्टेज में कोड को लाइव करना हो तो इसके लिए f फाइल को छांट कर अलग करना होगा और बाकी files को commit करना होगा। इसके लिए जिन जिन फाइल को commit करना है उसको स्टेजिंग एरिया में रखा जाता है और स्टेजिंग एरिया में उन फाइल को रखकर उनको commit किया जाता है। commit करने पर वे files रिपोजिटरी एरिया में चले जाते हैं।
© अजीत कुमार, सर्वाधिकार सुरक्षित।
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